एक लालची आदमी ने कड़ी तपस्या की। उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर उसे वरदान दिया कि तुम जितना जमीन गिनोगे वह सारे तुम्हारे हो जाएंगे। फिर वह दौड़ता गया जमीन पाने की आशा ने पानी फेर दिया और वह व्यक्ति दौड़ते-दौड़ते थक गया और मर गया।
Answer:
उत्तर:
अथवा
एक गाँव में एक संपन्न आदमी रहता था। उसका नाम रामेश्वर था।
उसके पास काफी खेती-बारी थी। लेकिन वह बहुत लालची था। वह
अधिक से अधिक जमीन पाने के लिए अधीर रहता था।
एक बार उसने अपनी इस इच्छा के बारे में एक साधु से चर्चा की।
साधु ने रामेश्वर को एक मंत्र बताया और उससे कहा, "इस मंत्र का
जाप करने से तुम्हारी इच्छा अवश्य पूरी होगी।"
- रामेश्वर ने साधु के बताए अनुसार जाप करना शुरू कर दिया। एक
दिन उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर देवता उसके सामने प्रकट होकर
बोले, “वत्स, तुम्हारी तपस्या से मैं प्रसन्न हूँ। क्या चाहिए तुम्हें?"
रामेश्वर ने कहा, “प्रभु, मुझे वरदान दीजिए कि गाँव में मेरे पास सबसे
अधिक जमीन हो जाए।"
देवता ने कहा, “तथास्तु। बेटा, सूर्यास्त होने के पहले दौड़कर तुम
जितनी जमीन घेर लोगे उतनी जमीन तुम्हारी हो जाएगी।" फिर देवता
अंतर्धान हो गए।
रामेश्वर ने दौड़ना शुरू किया। वह दौड़ता ही रहा। आखिरकार
वह बेहोश होकर गिर पड़ा। लोगों ने दौड़कर उसे उठाया, किंतु उसके
हृदय की गति बंद पड़ चुकी थी। जमीन के लालच में रामेश्वर ने जान
गँवा दी।
सीख : लालच आदमी को खा जाता है।
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एक लालची आदमी ने कड़ी तपस्या की। उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर उसे वरदान दिया कि तुम जितना जमीन गिनोगे वह सारे तुम्हारे हो जाएंगे। फिर वह दौड़ता गया जमीन पाने की आशा ने पानी फेर दिया और वह व्यक्ति दौड़ते-दौड़ते थक गया और मर गया।
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अथवा
एक गाँव में एक संपन्न आदमी रहता था। उसका नाम रामेश्वर था।
उसके पास काफी खेती-बारी थी। लेकिन वह बहुत लालची था। वह
अधिक से अधिक जमीन पाने के लिए अधीर रहता था।
एक बार उसने अपनी इस इच्छा के बारे में एक साधु से चर्चा की।
साधु ने रामेश्वर को एक मंत्र बताया और उससे कहा, "इस मंत्र का
जाप करने से तुम्हारी इच्छा अवश्य पूरी होगी।"
- रामेश्वर ने साधु के बताए अनुसार जाप करना शुरू कर दिया। एक
दिन उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर देवता उसके सामने प्रकट होकर
बोले, “वत्स, तुम्हारी तपस्या से मैं प्रसन्न हूँ। क्या चाहिए तुम्हें?"
रामेश्वर ने कहा, “प्रभु, मुझे वरदान दीजिए कि गाँव में मेरे पास सबसे
अधिक जमीन हो जाए।"
देवता ने कहा, “तथास्तु। बेटा, सूर्यास्त होने के पहले दौड़कर तुम
जितनी जमीन घेर लोगे उतनी जमीन तुम्हारी हो जाएगी।" फिर देवता
अंतर्धान हो गए।
रामेश्वर ने दौड़ना शुरू किया। वह दौड़ता ही रहा। आखिरकार
वह बेहोश होकर गिर पड़ा। लोगों ने दौड़कर उसे उठाया, किंतु उसके
हृदय की गति बंद पड़ चुकी थी। जमीन के लालच में रामेश्वर ने जान
गँवा दी।
सीख : लालच आदमी को खा जाता है।